SPARROW DAY / आज़मगढ़ : विश्व गौरैया दिवस के अवसर पर पक्षियों के संरक्षण के दृष्टिकोण से तहसील सगड़ी के महाराजगंज से लेकर सरदहा,परशुरामपुर और रग्घूपुर के समाजसेवी,अधिवक्ता और अन्य प्रबुद्ध जन के साथ मुस्कान सामाजिक संस्थान परशुरामपुर में भारतीय लोक संस्कृति की पहचान और गरिमा की चर्चा करते हुए विश्व गौरैया दिवस के अवसर पर पक्षियों के संरक्षण और बचाव,सुरक्षा पर विशेष बल दिया गया। SPARROW DAY
विश्व गौरैया दिवस के अवसर पर मुस्कान सामाजिक संस्थान परसुरामपुर,आजमगढ़ के अध्यक्ष,वरिष्ठ अधिवक्ता सुशील कुमार श्रीवास्तव के अनुसार प्रमुख समाजसेवी एवं लोककला,प्रकृति पर्यावरण संरक्षक अरविंद चित्रांश द्वारा लिखित पुस्तक “बिटिया की विदाई” का अवलोकन करते हुए कहा कि हमारे भारतीय संस्कृति में हमारे घर आंगन की गौरैया को बिटिया का दर्जा दिया गया है। पक्षियां कुहकने के लिए तैयार है,गौरैया,कोयल सभी हमारे घर, आंगन,खेत,खलियान में फड़फड़ा रही हैं हमें इसे बचाने की जरूरत है। SPARROW DAY
पूर्व अधिशासी अधिकारी ज्ञान प्रकाश श्रीवास्तव ने विश्व गौरैया दिवस पर कहा कि जिस तरह से अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी संगम भारत के संयोजक अरविंद चित्रांश के नेतृत्व में हम शहर से लेकर गांव तक पहल कर रहे हैं,इसी तरह से हमें हमेशा करते रहना होगा।हम जीव जंतु,पर्यावरण संरक्षण और वातावरण के शुद्धि के लिए हमेशा तैयार हैं, राष्ट्रीय कला सेवा संस्थान आजमगढ़ के पदाधिकारियों के साथ वरिष्ठ सर्वेयर गिरीश चंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि हमें भीड़ नहीं करनी है, छोटी-छोटी गोष्ठियों से बचाव और सुरक्षा के प्रति जन जागरूकता करते रहना है। साथ में बलराम लोहार,चंद्रभान, सूर्यकांत मौर्य आदि क्षेत्रीय लोग उपस्थित रहे। SPARROW DAY