SHANKARACHARYA JAYNTI / आजमगढ़ : आदि गुरु शंकराचार्य जी की जयंती मंगलवार को ब्राह्मण समाज कल्याण परिषद के तत्वावधान मेंअध्यक्ष ब्रजेश नन्दन पाण्डेय के एलवल स्थित आवास पर मनाई गयी । कार्यक्रम का शुभारम्भ आदि गुरु शंकराचार्य जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया । SHANKARACHARYA JAYNTI
इस दौरान अध्यक्षता करते हुए ब्राह्मण समाज कल्याण परिषद अध्यक्ष ब्रजेश नन्दन पाण्डेय ने बताया कि आदि गुरु शंकराचार्य अद्वैत वेदांगों के प्रवर्तक एवं महान दार्शनिक थे । प्राचीन भारतीय परम्परा के विकास और हिन्दू धर्म के प्रचार प्रसार में आदि गुरु शंकराचार्य जी का महान योगदान है । सनातन परम्परा को पूरे भारत मे फैलाने के लिए उन्होंने भारत के चारों कोनों पर शृंगेरी मठ,गोवर्धन मठ,शारदा मठ,एवं जतोतिर्मठ की स्थापना किया ।भगवत गीता,उप निषदों एवं वेदांग सूत्रों पर लिखी हुई शंकराचार्य जी की टीकाएँ बहुत प्रसिद्ध है । SHANKARACHARYA JAYNTI
इस अवसर पर महामंत्री मनोज कुमार त्रिपाठी ने आदि गुरु शंकराचार्य जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका जन्म बैशाख शुक्ल पंचमी को 788 ईस्वी में केरल के कालड़ी नामक गाँव मे हुआ था ।उनके पिता का नाम शिव गुरु माता का नाम आर्यम्बा था ।उनका मानना था कि ब्रह्म सत्य है,जगत मिथ्या है ।जीव और जगत अलग अलग नहीं है । SHANKARACHARYA JAYNTI
इस दौरान महामंत्री मनोज कुमार त्रिपाठी, विश्वदेव उपाध्याय, सतीश कुमार मिश्र,भागवत प्रसाद तिवारी,गिरिजा सुवन पाण्डेय,सतीश चन्द्र पाण्डेय, निशीथ रंजन तिवारी, गोविंद दुबे, सर्वेश उपाध्याय,मनीष तिवारी,अनूप पाण्डेय,योगेंद्र पाण्डेय,प्रमोद मिश्रा, पद्माकर पाठक आदि उपस्थित रहे।
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