KVK KOTVA AZAMGARH / आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुमारगंज, अयोध्या के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र, कोटवा, आजमगढ़ के प्रभारी अधिकारी प्रो० डी के सिंह ने पशुपालकों को बकरियों में लगने वाली पीपीआर बीमारी के प्रति सतर्क रहने हेतु सुझाव दिया है । KVK KOTVA AZAMGARH
पशु विज्ञान अनुभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा विनय कुमार सिंह ने बताया कि पीपीआर बीमारी बकरियों की मुख्य बीमारी है जो वायरस जनित होती है तथा पायरो माइक्सोवायरस के कारण होती है । यह बीमारी मुख्य रूप से बकरियों में व भेड़ में ज्यादा पाई जाती है ।इस बीमारी को गोट प्लेग भी करते हैं इस बीमारी में मृत्यु दर लगभग 90% तक होती है । यह विषाणु हवा के माध्यम से खाने से पानी पीने से बकरियों के शरीर के अंदर प्रवेश करते हैं । KVK KOTVA AZAMGARH
इस बीमारी के मुख्य लक्षण है पशुओं के शरीर का तापक्रम पड़ जाना, बकरी के नाक और आंख से लार टपकने लगना जो लगातार गिरती है, बकरी को दस्त की शिकायत हो जाती है और उसके साथ कभी-कभी खून भी आता है सांस लेने में तकलीफ होती है इस रोग के से ग्रसित बकरियां अपनी आंखों को अक्सर बंद करके रखती हैं या वह खोल पाने में असमर्थ हो जाती हैं | बकरी के मुंह के अंदर छाले जख्म होने लगते हैं और बकरी के मुंह से बुरी तरह की बदबू आती है । KVK KOTVA AZAMGARH
इस बीमारी में बकरियां चारा दाना खाना बंद कर देती हैं और बकरियों की मृत्यु हो जाती है । इससे बचाव के लिए जब बकरियों की उम्र 4 माह की हो जाए तो निकट के पशु चिकित्सालय से संपर्क स्थापित कर पीपीआर का टीका अपने बकरियों को अवश्य लगवा लेना चाहिए। समय-समय उम्र के अनुसार टीकाकरण जरूर कराना चाहिए बकरी फार्म की साफ-सफाई हमेशा रखना चाहिए इस रोग से ग्रसित बकरियों को तुरंत अलग करना चाहिए बीमार बकरी को तुरंत अलग से उसका उपचार कराएं बकरियों हेतु जो बर्तन का इस्तेमाल किया जाता है उसकी साफ-सफाई नियमित रूप से करें बीमार बकरियों को इधर-उधर भेजने या बेचने की कोशिश ना करें | बीमार होने पर तुरंत पशु चिकित्सा अधिकारी से संपर्क स्थापित कर इलाज की व्यवस्था करें। KVK KOTVA AZAMGARH