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    GOOD NEWS/ अपने जन्मदिन के अवसर पर शिक्षिका ने विद्यालय में किया वृक्षारोपण बच्चों में वितरित किये कापी कलाम के साथ चॉकलेट

    ByA.K. SINGH

    Aug 26, 2023

    GOOD NEWS / आजमगढ  : जिले के मेहनगर तहसील के कंपोजिट विद्यालय सरदारपुर में स्कूली बच्चों द्वारा विद्यालय पढ़ाने वाली शिक्षिका का जन्मदिन बड़े ही उल्लास पूर्वक मनाया गया । इस दौरान शिक्षिका अनीता राज ने विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों को पेन कापी और  चाकलेट  का  वितरण किया।  इस अवसर पर विद्यालय के सभी शिक्षक व शिक्षकों ने भी विद्यालय की शिक्षिका अनीता राज को जन्मदिन की बधाई देते हुए उनके द्वारा किए जा रहे सराहना करते हुए  दीर्घायु  जीवन की  कामना की।  GOOD NEWS

    इस अवसर पर शिक्षिका अनीता राज ने कहा आज मुझे अपने जन्मदिन के शुभ अवसर पर अपने स्कूल के प्यारे बच्चों व स्टॉफ के साथ जन्मदिन मानने का सुखद क्षण व सुअवसर प्राप्त हुआ ।
    मेरे द्वारा सभी बच्चों को एक कॉपी , एक कलम और् चॉकलेट उपहार स्वरूप वितरण किया गया । कक्षा 3 का बड़ा हीं होनहार आदित्य बाबू मुझसे बोले कि —- मैडम जी आपका जन्मदिन है तो हम लोगों को आपको गिफ्ट देना चाहिए परन्तु आप हम लोगों को हीं दे रही है । मैं जब कमाऊँगा तो आपको गिफ्ट जरूर दूंगा ।
    बाबू की बात सुन मैं स्नेहिल भरे नजरों से उनको एकटक देखती रह गई , उनके सिर पर प्यार से हाथ फेरते हुए मैं बोली , बेटा जी जब आप पढ़लिखकर कोई अच्छी सी नौकरी पा जाएगे वही मेरा सबसे बड़ा गिफ्ट होगा ।आज मेरे बच्चे ज्यादा खुश थे इसलिए आज मैं भी अत्यधिक प्रसन्नता का अनुभव कर रही हूँ। GOOD NEWS
    इस  अवसर पर  शिक्षिका द्वारा विद्यालय में अलग- अलग किस्म के पांच पेड़ों का बृक्षारोपण भी किया ,और उनकी सुरक्षा हेतु संकल्प भी लिया । GOOD NEWS

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    शिक्षिका अनीता राज ने अपने द्वारा रचित गीत की प्रस्तुति भी दी।

    रोज घटे भले उम्र मेरी , उम्र ना इसकी घटने दूँगी ।
    धूप, हवा , पानी से सींचकर , हर रोज इसको बढ़ने दूँगी।

     

    पेड़ से मिलता जीवन हमको , इन्ही से मिलती सांसे ,
    सोचों जब ना होता पेड़ , कैसे भरते आँहे ,
    जन्मदिन पर संकल्प है मेरा , कभी ना इसको कटने दूँगी।।
    धूप , हवा , पानी से सींचकर, हर रोज इसको बढ़ने दूँगी ।।।

     

    खूब पले – बढ़े यह बृक्ष हमारा , हम सबकी दुवा लगे , इसकी छाया सबको मिले , मीठा फल मधुर रस भरे ,
    कभी किसी की कुदृष्टि , मैं ना इसको लगने दूँगी।।
    धूप ,हवा , पानी से सींचकर , हर रोज इसको बढ़ने दूँगी ।।

    रोज घटे भले उम्र मेरी , उम्र ना इसकी घटने दूँगी ।।
    धूप ,हवा , पानी से सींचकर, हर रोज इसको बढ़ने दूँगी।।
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