DUKHD AZAMGARH / आजमगढ : कृषि महाविद्यालय कोटवा आजमगढ़ में हरित क्रांति के जनक एम. एस. स्वामीनाथन के निधन पर शोकसभा का आयोजन किया गया । वे 98 वर्ष की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गए । कृषि वैज्ञानिक एम. एस. स्वामीनाथन को ‘हरित क्रांति का पिता’ भी कहा जाता है । DUKHD AZAMGARH
उन्होंने 1966 में मैक्सिको के बीजों को पंजाब की घरेलू किस्मों के साथ मिश्रित करके उच्च उत्पादकता वाले गेहूं के संकर बीज विकसित किए थे । स्वामीनाथन अपने कार्यकाल के दौरान कई प्रमुख पदों पर पदस्थ रहे। वे भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान का निदेशक (1961-1972), आईसीआर के महानिदेशक और कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के सचिव (1972-79), कृषि मंत्रालय के प्रधान सचिव (1979-80) नियुक्त किया गया था। DUKHD AZAMGARH
महाविद्यालय के अधिष्ठाता प्रो धीरेन्द्र कुमार सिंह ने उनके निधन पर शोक जताया और कहा कि कृषि क्षेत्र मे उनका योगदान सराहनीय है I देश के कृषि विकास में उनके द्वारा किए गए अभूतपूर्व कार्य हमेशा याद किए जाएंगे । उनके जीवन से हम सभी प्रेरणा लेते है और आने वाली पीढ़ियों के लिए भी वे प्रेरणा स्रोत रहेंगे । इस शोकसभा में सभी शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्र मौजूद रहे । DUKHD AZAMGARH