COURT AZAMGARH / आजमगढ़ : लगभग 23 साल पहले मुबारकपुर कस्बे में शिया सुन्नी समुदाय के बीच हुए दंगे के मामले में एक मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने पर्याप्त सबूतों के अभाव में 22 आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया। COURT AZAMGARH
यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रेक कोर्ट नंबर दो रमेश चंद्र ने शनिवार को सुनाया।अभियोजन कहानी के अनुसार 5 नवंबर 2000 को मुबारकपुर कस्बे में वादी मुकदमा अजादर हुसैन शाम सात बजे अपनी दुकान पर मौजूद थे। तभी सुन्नी संप्रदाय के कई लोग अपने हाथों में बम कट्टा आदि लिए हुए थे, उन लोगों ने शिया समुदाय को लक्ष्य करते हुए जान से खत्म करने की धमकी देते हुए अजादार हुसैन की दुकान पर धावा बोल दिया। दुकान में जमकर लूटपाट की और बम के हमले में दुकान में मौजूद मोहम्मद हुसैन तथा मुख्तार को गंभीर चोट आई। इस मामले में पुलिस ने कुल 26 आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित किया। दौरान मुकदमा आरोपी खलीलुर्रहमान , कुर्तुलएन ,एहतशामुरहमान तथा नौशाद की मृत्यु हो गई । COURT AZAMGARH
अभियोजन पक्ष की तरफ से कुल सात गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया गया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत में पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में अनवार, गुफरान, मतिउररहमान ,मोहम्मद फैसल, मुनीर,अयूब, मोहम्मद शाहिद ,जमाल अख्तर, फरीदुल हक, असरार अहमद, शकील उर्फ झिनक, नौशाद ,इनामुल हक, अब्दुल मन्नान ,शमशुल हक,अयूब फैजी, जमील,काजी इद्रीस,मोहम्मद सालिम, वहीदुज्जमा,मोहम्मद शमीम तथा मुख्तार अहमद को सभी आरोपों से दोषमुक्त कर दिया। COURT AZAMGARH