• Mon. Dec 11th, 2023

    ASTHAMA DIVAS / विश्व अस्थमा दिवस पर डॉ डी डी सिंह द्वारा जागरूकता शिविर का किया गया आयोजन

    ByA.K. SINGH

    May 2, 2023

    ASTHAMA DIVAS / आजमगढ़ :  चाइल्ड केयर क्लिनिक, सिधारी, आजमगढ़ द्वारा विश्व अस्थमा दिवस के अवसर पर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. डी.डी. सिंह ने बताया कि अस्थमा श्वसन तंत्र की बीमारी है, जिसकी शुरुआत एलर्जी से होती है। जिसके कारण श्वांस नली में सूजन हो जाती है, जिससे मरीज को श्वांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। अस्थमा के मरीजों को चलने पर सांस फूलना, पूरा वाक्य न बोल पाना, बेहोशी की हालत होना, बार बार छींक आना, सोते समय घरघराहट या सीटी जैसी आवाज आना, बार बार सर्दी या जुकाम होना आदि लक्षण होते हैं।  ASTHAMA DIVAS
    डॉ. डी.डी. सिंह ने कहा कि अस्थमा के बारे में भ्रांति है कि दमा दम से जाता है, परन्तु ऐसा नहीं है। यदि मरीज सावधानी पूर्वक परहेज का पालन करे तो सारी उम्र अस्थमा के झटके से सुरक्षित रह सकता है।
    अस्थमा के मरीजों के लिए नेबुलाइजर और इन्हेलर कारगर साबित होता है। आकस्मिक स्थिति में इन्हेलर का प्रयोग मरीज की स्थिति सुधारने में सहायक होती है तथा रोग की तीव्रता को कम कर देता है। इन्हेलर और नेबुलाइजर के प्रयोग से दवा सीधे फेफड़े में पहुँचती है, जिससे मरीज को तुरंत आराम मिलता है। डॉ. सिंह ने कहा कि कुछ लोगों को यह भी लगता है कि इन्हेलर का प्रयोग मरीज को आदती बना देता है या इसका दुष्परिणाम होता है, जबकि ऐसा नहीं है। क्योंकि ये दवाएं सीधे फेफड़े में पहुँचती हैं और इनकी मात्रा भी माइक्रोग्राम में होती है। अतः कोई नुकसान पहुंचाने वाली बात नहीं होती है। यह गर्भावस्था और अत्यंत छोटे बच्चों के लिए भी पूर्णतः सुरक्षित है।
    डॉ. डी.डी. सिंह ने बताया कि प्रत्येक 20 बच्चों में से एक तथा प्रत्येक 30 वयस्कों में से एक को यह बीमारी होती है। स्त्रियों की तुलना में पुरुषों में दमा अधिकता से पाया जाता है। 75% बच्चों में 4 से 5 वर्ष की उम्र से पहले ही यह रोग आरम्भ हो जाता है। ASTHAMA DIVAS
    रोकथाम के बारे में डॉ. डी.डी. सिंह ने बताया कि मरीज को धूल, धुएँ से दूर रहना चाहिए। फूलों के पराग से बचना चाहिए। घर में सीलन नहीं होनी चाहिए। सोफे, तकिया, चादर आदि की नियमित सफाई होनी चाहिए। एकाएक धूप से आकर ठण्डा पानी नहीं पीना चाहिए। आइसक्रीम और कोल्ड ड्रिंक का सेवन नहीं करना चाहिए। तली भुनी,मसालेदार और बाहरी खाद्य सामग्री का उपयोग नहीं करना चाहिए। रहन सहन और खान पान में सफाई रखनी चाहिए, जिससे इस गम्भीर बीमारी से बचा जा सके। साथ ही सिंगोनिम जैसे पौधे घर में लगाने चाहिए, जो कार्बन डाइऑक्साइड को ग्रहण करते हैं और ऑक्सीजन को छोड़ते हैं। इस अवसर पर धर्मदेव सिंह, गोविंद कुमार, अभिषेक सिंह, संतोष, आयुष, सूर्यांश, अदिति, श्रेया, मनीषा आदि लोग उपस्थित रहे। ASTHAMA DIVAS

    See also  SHAISTA PRAVEEN / इधर पुलिस शाइस्ता के लिए सर्च ऑपरेशन , उधर शाइस्ता परवीन सम्पत्ति को सुरक्षित करने में लगी है