AGRICLTURE / आजमगढ़ : आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र कोटवा आजमगढ़ पर अन्तर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान फिलीपींस के दक्षिण एशियाई अनुसंधान केन्द्र, वाराणसी के सहयोग से मशीन द्वारा धान की सीधी बुवाई पर संचालित परियोजना के अन्तर्गत धान की सीधी बुवाई पर दो दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम एवं कृषक प्रशिक्षण का आयोजन प्रभारी अधिकारी प्रो० डी के सिंह के दिशा निर्देशन में किया गया । AGRICLTURE
परियोजना के मुख्य अन्वेषक एवं प्रशिक्षण संयोजक डॉ रुद्र प्रताप सिंह ने बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान द्वारा जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने तथा धान का बेहतर उत्पादन के लिए बहुत सी तकनीक निकाली गई है । इनका प्रचार प्रसार किसानों के बीच बहुत आवश्यक है । उन्होंने बताया कि धान की सीधी बुवाई करने से परम्परागत रोपाई की अपेक्षा श्रम एवं लागत दोनों में बचत होती है तथा साथ ही सिंचाई पानी की मात्रा भी अत्यंत कम लगती है । केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक मृदा विज्ञान डॉ रणधीर नायक ने धान की सीधी बुवाई में समन्वित पोषक तत्व प्रबंधन के बारे में बताया । डॉ संजय कुमार वैज्ञानिक फसल उत्पादन ने बताया कि धान की सीधी बुवाई में खर पतवार प्रबंधन सबसे महत्वपूर्ण हैजआत । उन्होंने बताया कि धान के जमाव के पूर्व पैंडिमेथालीन 30 ईसी 1.3 लीटर प्रति एकड़ की दर से 150-200 लीटर पानी में मिलाकर 1 से 3 दिन के अन्दर छिड़काव कराएं । AGRICLTURE
जमाव के बाद के खर-पतवारनाशियों में बिस्पाइरीबैक सोडियम 80 मिली + पाइराजोसल्फ्यूरान 60 ग्रा० प्रति एकड़ अथवा बिस्पाइरीबैक 10% एस पी (नोमिनी गोल्ड, अडोरा) 80-100 मिली प्रति एकड़ की दर से 15-20 दिन बुवाई के बाद 120-150 लीटर पानी में मिला कर प्रति एकड़ की दर छिड़काव कराएं अथवा फिनाक्साप्रोप + सेफनर 6.7 ईसी (राइस स्टार) सीधी बुवाई के 20 दिन बाद 447 मिली प्रति एकड़ की दर से 150 ली पानी में मिला कर छिड़काव कराएं | वैज्ञानिक डॉ अर्चना देवी ने धान की सीधी बुवाई में प्रजातियों के चयन पर विस्तृत चर्चा की । AGRICLTURE
वैज्ञानिक उद्यान डॉ विजय कुमार विमल ने कार्यक्रम का संचालन किया तथा धान की सीधी बुवाई के लिए खेत के समतलीकरण पर जोर दिया । सीधी बुवाई के क्षेत्र में जनपद में उत्कृष्ट कार्य कर रहे अरुण प्रताप सिंह ने भी प्रतिभागियों के बीच अपने अनुभव साझा किया । धान की सीधी बुवाई से सम्बन्धित बहुत सी समस्याएं एवं शंकाओं का समाधान भी वैज्ञानिकों द्वारा किया गया । प्रशिक्षण में अनिल सिंह, कन्हैया चौहान, गनपत राजभर, कैलाश यादव, यशपाल सिंह सहित कुल 20 किसानों ने धान की सीधी बुवाई पर विभिन्न तकनीकी जानकारी प्राप्त की । AGRICLTURE