POLY HUSHE / आज़मगढ़ : अचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या के कुलपति प्रोफ़ेसर विजेंद्र सिंह एवं प्रसार निदेशक प्रोफ़ेसर ए पी राव के निर्देशन तथा प्रभारी अधिकारी प्रोफेसर डी.के. सिंह के नेतृत्व में संचालित कृषि विज्ञान केंद्र कोटवा आजमगढ़ पर अगेती सब्जियों के लिए लो टनल पाली हाउस लगाया गया है जो किसानों के लिए बहुत ही फायदेमंद है POLY HUSHE
कृषि विज्ञान केन्द्र के उद्यान वैज्ञानिक डा. विजय कुमार विमल ने बताया कि किसान अगेती सब्जियों की खेती लो टनल पॉलीहाउस तकनीक से कर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं, इस तकनीकी से किसान जो सब्जी मई-जून में तैयार करते हैं उसे जनवरी-फरवरी माह में तैयार कर बेचकर अधिक आय प्राप्त कर सकते हैं, फरवरी-मार्च में बोई जाने वाली मौसमी सब्जियों की उपज मई जून के महीने में एक ही समय में तैयार हो जाती है इस समय उपज के बाजारों में एक साथ आने से किसान को अच्छा लाभ नहीं मिलता है POLY HUSHE
यदि किसान जनवरी के महीने में पौध तैयार करते हैं तो वह मौसमी सब्जियों की अगेती खेती से होने वाली उपज से अधिक लाभ कमा सकते हैं। उत्तर भारत में किसान दिसंबर जनवरी में ठंड के कारण किसान नर्सरी का पौधा नहीं तैयार कर पाते हैं क्योंकि जनवरी के महीने में रात का तापमान 6 से 7 डिग्री सेल्सियस के नीचे रहता है POLY HUSHE
इस कारण बीज अंकुरित नहीं हो पाते हैं और किसान फरवरी के दूसरे पखवाड़े के बाद किसान नर्सरी तैयार करते हैं और मौसमी सब्जियों की बुवाई और रोपाई करते हैं और बोई गई मौसमी सब्जी फसलों की उपज एक साथ मई जून के महीने में तैयार होती है एक साथ बाजार में आने से अच्छा मुनाफा नहीं मिल पाता है यदि किसान अगेती सब्जियों की खेती कर अधिक मुनाफा कमाना चाहता है तो जनवरी के महीने में लो टनल पॉलीहाउस यानी लो कास्ट पाली हाउस में स्वस्थ सब्जियों के पौधे तैयार कर सब्जियों की अगेती उपज ले सकता है POLY HUSHE
इस सब्जियों की उपज को समय से पहले बाजार में बेचकर अधिक मुनाफा कमा सकता है लो टनल पाली हाउस बनाने के लिए 2 मिली मीटर मोटी बांस के खपच्चे या फिर लोहे की छड़ जिसे आसानी से मोड़ा जा सकता है और इसके लिए 20 से 30 माइक्रोन मोटी और 2 मीटर चौड़ी सफेद पारदर्शी पॉलिथीन की जरूरत होती है सबसे पहले 1 मीटर चौड़ी और 15 से 30 सेंटीमीटर उंची और जरूरत के अनुसार लम्बी क्यारी बना लेते हैं इन क्यारियों में छोटी-छोटी नर्सरी ग्रो बैग या फिर प्लास्टिक के गिलास में गोबर की खाद और मिट्टी को 1ः1ः1 के अनुपात में भरते हैं। POLY HUSHE
इस बैग में लौकी नेनुआ खीरा करेला तोरई खरबूज कद्दू और अन्य बीज बोकर पाली हाउस के अंदर रख देते हैं इस तरह से 4 से 5 सप्ताह के बाद पौधे खेत में रोपड़ के लिए तैयार हो जाते हैं इस तकनीक से बीजों का अंकुरण शत प्रतिशत रहता है साथ ही साथ कीट बीमारी और पाला का भी खतरा नहीं रहता है और पौधों का विकास तेजी से होता है इस मौसम में पॉलीटनल में 4 से 5 डिग्री तापमान बढ़ने से बीजों का अंकुरण और पौधों के लिए अनुकूल तापमान मिल जाता है इस तरह से किसान भाई लो टनल पाली हाउस अपने खेतों पर लगाकर अगेती अच्छी गुणवत्ता वाली सब्जी उगाकर कर बाजार से अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।POLY HUSHE